कभी कुछ याद आता है कभी कुछ सूझ जाता है।
कहीं कुछ पढ़ते पढ़ते भी उभर कर प्रश्न आता है।
कभी कुछ देखकर सुनकर बहुत जी तिलमिलाता है।
वही सब व्यक्त करने के लिए खोला ये खाता है॥
Thursday, November 29, 2007
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Professionally I have been in films for over fifty years. My interests are reading, listening to good music and social and cultural activites. I love to reach out to my friends, a lot of them.
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